सर्पदंश से मौत को प्राकृतिक आपदा मानती है सरकार
-इलाज और मुआवजे को लेकर हैं विशेष प्रावधान
मथुरा। बरसात का मौसम दस्तक दे चुका है। वर्षा ऋतु में सर्पदंश की घटनाएं बढ जाती हैं। सरकार ने सर्प दंश से होने वाली मौतों को प्राकृतिक आपदा की सूची में दर्ज किया है। सर्पदंश के मरीजों के इलाज और मौत पर मुआवजे के विशेष प्रावधान हैं। ग्रामीण इलाकों में इस तरह की घटनाएं अधिक होती हैं। हालांकि अभी भी ग्रामीण इलाकों में अधिकांश लोग इस बात से अनजान हैं कि सर्पदंश का इलाज अस्पताल में भी होता हैं। इलाज और मौत पर मुआवजे जैसी जानकारियां तो इन्हें छूके भी नहीं गुजरीं। इसके लिए ग्रामीणों से ज्यादा वह सिस्टम जिम्मेदार है जिन्हें इन योजनाओं का लाभ आम आदमी तक पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उत्तर प्रदेश विधान परिषद की दैवीय आपदा प्रबंधन जांच समिति के सभापति उमेश द्विवेदी की अध्यक्षता में तथा सदस्य मानवेंद्र प्रताप सिंह व सुरेन्द्र चौधरी की उपस्थिति में कलेक्ट्रेट सभागार में संबंधित विभागों के कार्यों की समीक्षा बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह, एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय, नगर आयुक्त शशांक चौधरी भी मौजूद रहे।
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